tag:blogger.com,1999:blog-25140843834553519902024-02-20T06:45:37.612-08:00मेरे धरोहर..!!!मैं....http://www.blogger.com/profile/11049893227376944354noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2514084383455351990.post-66866699777625738492008-07-01T13:00:00.000-07:002008-07-01T15:23:27.415-07:00मेरे धरोहर..!!!मेरी भावनाएं.. मेरी अनुभूतियाँ..<br />कभी जिनका कोई अस्तित्व नहीं था...<br />पर न मैंने उनका साथ छोड़ा.. न उन्होंने मेरा.. !<br />एक दुसरे को.. अंधे और लंगड़े दोस्त की कहानी सुनाते .. जलते शहर में बढ़ते रहे.... !<br />जब दिशा मिली.. तो चलते चलते अचानक पाँव रुके हैं..<br />तो खुद को बाज़ार में पाता हूँ.. !!! जहाँ हर चीज़ के दाम लग रहे हैं..<br />और कहीं से कोई चीख कर कह रहा है..बेचोगे क्या...??? अच्छे दाम दूंगा..<br />मेरी भावनाओं के भाव लगाने के कलुषित भाव.. मंशा उद्देश्य सब.. साफ़ हैं उसके चेहरे पर..!!!<br /><span class=""></span><span class=""></span><br />परिस्तियों ने बाढ़ लाया है इनमें...लेकिन "मैं' ने एक जटा फेंकी है और समेट लिया है.. !!!<br />मेरी भावनाएं कभी जिनका कोई वजूद न था.. पर ये तो धरोहर है.. मेरी...<br />जिसमे मिला है<br />माँ का दूध..<br />पिता की डांट..<br />नानी का दुलार...<br />परीक्षा से पहले हाथ में लगे दादा जी के पैरों की धुल...<br />बुआ की कहानिया.."का खाऊं का पियूँ.. का ले परदेस जाऊं.."<br />इनसे अलग तो मेरा कोई आस्तित्व ही नहीं..इन्ही से तो मैं.. बना है..<br />इन्हें कैसे बेच सकता हूँ ...<em>नहीं नहीं नहीं.. नहीं... नहीं!!!!</em>मैं....http://www.blogger.com/profile/11049893227376944354noreply@blogger.com7